सैंडर्स का जन्म सितम्बर 9, 1890 को हेनरीविल्ले, इंडियाना में हुआ था। उन्होंने दक्षिणी विश्वविद्यालय में अध्ययन किया।
उन्होंने जोसफिन किंग से शादी किया फिर बाद में तल।क हो गया। उन्होंने बाद में क्लाउडिया प्राइस से शादी कर लिया। सैंडर्स के 3 बच्चे थे। दिसम्बर 16, 1980 को केंटकी में उनका देहांत हो गया। वह 90 वर्ष के थे।
Colonel Harland Sanders, KFC (Kentucky Fried Chicken) के founder का नाम बहुत कम ही लोग जानते होंगे। कर्नल सैंडर्स का अपना छोटा सा Business था जिससे इनकी रोजी-रोटी चलती थी, लेकिन वहां पर highway बनने के कारण इनका business बन्द हो गया। कुछ ही दिनों में इनकी पूँजी भी खत्म हो गयी और खाने के भी लाले पड़ गये। अब उनकी उम्र भी लगभग 65 वर्ष हो चुकी थी और हाल यह था की खोने के लिए अब उनके पास में कुछ भी नहीं बचा था।
Colonel Harland Sanders को chicken बनाना बहुत पसंद था और उनको अपने चिकन प्रयोग पर बहुत भरोसा था, वो मसाले और प्रेसर कुकर लेकर अपनी चिकन बनाने का प्रयोग की मार्केटिंग करने निकल पड़े। उन्होंने अलग-अलग रेस्टोरेंट से मिलना शुरू किया। समय ने फिर भी उनका साथ नहीं दिया, एक-एक करके सभी रेस्टोरेंट मालिक उन्हें रिजेक्ट करते गये।
लेकिन कर्नल सैंडर्स ने भी हार नहीं मानी, वह लगातार अपने कार्य में लगे रहे, सीखते रहे और कोशिश रहे। आपको यह सुनकर हैरानी होगी कि वह 1009 बार Interview में असफल रहे और एक हजार नौ (1009) लोगो ने उनको रिजेक्ट कर दिया, तब जाकर उनको सफलता मिल ही गई। हाँ अपने सही पढ़ा है, एक हजार नौ बार रिजेक्ट होने के बाद, एक हजार नौ बार ना सुनने के बाद उनको उनकी पहली हाँ मिली।
संघर्ष
kfc) की कामयाबी के पीछे colonel sanders का हाथ था. अपनी fried chicken recipe के कारण वे विश्व में प्रसिद्ध हुए. sanders ने उम्र की बाधा को अपनी कामयाबी का रोड़ा बनने नहीं दिया और उन्हें कामयाबी मिली 65 साल की उम्र में. जब वह 5 साल के थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गई, इसके बाद अपने परिवार जिनमे उनके छोटे भाई और बहन शामिल थे को पालने की जिम्मेदारी उन पर आ गयी. इसके बाद उन्होंने कई कामो में अपना हाथ आजमाया. इनमे किसान, स्ट्रीटकार कंडक्टर, रेलरोड फायरमैन और इंशोरेंस सेल्समेन जैसी जॉब शामिल थी. इनमे वह सफल ना हो सके, 16 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपना स्कूल छोड़ दिया. केवल 17 वर्ष की उम्र में उन्हें अपनी चार जॉब्स खोनी पड़ी, 18 वर्ष की उम्र में वह विवाहित हुए और अगले ही साल उनकी एक बेटी हुई, जल्द ही उनकी पत्नी अपने बच्ची को लेकर उन्हें छोड़ कर चली गयी.
40 साल की उम्र में sanders kentucky में एक सर्विस स्टेशन चला रहे थे जहाँ वह कई भूखे यात्रियों को खाना भी खिलाते थे. उन्होंने इस सर्विस स्टेशन को restaurant में बदल दिया जहाँ वह अपनी चिकन व्यंजन को बेचते थे. उनके फ्राइड चिकन इतने उल्लेखनीय हुए की वहा के गवर्नर ने उन्हें kentucky colonel यानि kentucky कर्नल का नाम दिया लेकिन 1950 की शुरुआत में senders के इस चलते बिजनेस को वहा पर बनने वाले हाईवे के कारण बहुत नुकसान उठाना पड़ा, सरकार द्वारा दिया हुआ चेक बहुत कम था. लेकिन sanders अभी भी बैठने को तैयार ना था. उसे अपनी चिकन रेसिपी पर पूरा भरोसा था और इसी विश्वास के साथ वह इसकी मार्केटिंग के लिए निकल पड़ा, इस दौरान वह अलग अलग restaurant के मालिक से मिला जहाँ उसे ठुकरा दिया गया. और 1000 से ज्यादा कोशिशो के बाद अंतत: 1952 में pete harman नामक व्यक्ति को उसने अपना पार्टनर बनाने के लिए मना लिया. उन्होंने अपनी फ्राइड चिकन की रेसिपी को पेटेंट करा के 1952 में साल्ट लेक सिटी में पहला restaurant खोला.
Kentucky में restaurant की शुरूआत
लगातार असफलताओं के बाद भी सैंडर्स ने प्रयास करना नहीं छोड़ा. 40 वर्ष की उम्र में वे कार्बिन, केन्टकी आ गए और एक service station खोल लिया. Service station से प्राप्त होने वाली आमदनी पर्याप्त नहीं थी. अतः आमदनी में बढ़ोत्तरी के उद्देश्य से उन्होंने service station के पीछे बने कमरे में एक टेबल और कुछ कुर्सियां डाल दी और वहाँ आने-जाने वाले ड्राइवरों और यात्रियों को पेन-फ्राइड चिकन, हेम, स्टीक व अन्य खाद्य पदार्थ बनाकर खिलाने लगे.
लोगों को उनके बनाये खाने का स्वाद इतना पसंद आया कि वे उनका बनाया खाना खाने के लिए वहाँ आने लगे. लोगों की बढ़ती हुई संख्या देखकर उन्होंने सड़क के दूसरी ओर एक मोटल और रेस्तरां खोल लिया, जिसमें लगभग 142 लोग एक साथ बैठकर खाना खा सकते थे. लोगों को उनका बनाये खाने में Pan Fried Chicken विशेषरूप से पसंद था. अतः वे अपनी इस recipe पर लगातार कार्य करते रहे, ताकि यह unique बन जाये. आख़िरकार 9 वर्षों की मेहनत के उपरांत उन्होंने 11 herbs और spices से युक्त अपनी Pan Fried Chicken की recipe पूर्ण कर ली. यह recipe उनके रेस्तरां की USP बन गई. सैंडर्स अपने Pan Fried Chicken के कारण मशहूर हो गए. उनका बनाया चिकन केन्टकी के गवर्नर को इतना पसंद आया कि उन्होंने 1935 में हरलेन सैंडर्स को ‘कर्नल’ की उपाधि से विभूषित कर किया.
उनका रेस्तरां अच्छा चल रहा था. उनके रेस्तरां के चलने का एक बड़ा कारण यह था कि वह फ्लोरिडा जाने के मार्ग में अवस्थित था, जिससे उस मार्ग पर गुजरने वाले यात्रियों की नज़र उनके रेस्तरां पर पड़ती और वे उसका रुख कर लेते. लेकिन 1950 के दशक में एक अप्रत्याशित मुसीबत उनके समक्ष आ गई.
No comments:
Post a Comment