हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी , पंथनिरपेक्ष,लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को : सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करनेवाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवम्बर 1949 ई0 (मिति मार्ग शीर्ष शुक्ल सप्तमी, सम्वत् दो हजार छह विक्रमी) को एतदद्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं। 1:- जीवन में वो ही व्यक्ति असफल होते है, जो सोचते है पर करते नहीं । 2 :- दुसरोँ के भरोसे मत बैठिये क्या पता कोई आपके भरोसे बैठा हो… 3 :- सफलता का आधार है सकारात्मक सोच और निरंतर प्रयास !!! 4 :- अतीत के ग़ुलाम नहीं बल्कि भविष्य के निर्माता बनो… 5 :- मेहनत इतनी खामोशी से करो की सफलता शोर मचा दे… 6 :- कामयाब होने के लिए अकेले ही आगे बढ़ना पड़ता है, लोग तो पीछे तब आते है जब हम कामयाब होने लगते है. 7 :- छोड़ दो किस्मत की लकीरों पे यकीन करना, जब लोग बदल सकते हैं तो किस्मत क्या चीज़ है… 8 :- यदि हार की कोई संभावना ना हो तो जीत का कोई अर्थ नहीं है… 9 :- समस्या का नहीं समाधान का हिस्सा बने… 10 :- जिनको सपने देखना अच्छा लगता है उन्हें रात छोटी लगती है और जिनको सपने पूरा करना अच्छा लगता है उनको दिन छोटा लगता है… 11 :- आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते पर आप अपनी आदतें बदल सकते है और निशचित रूप से आपकी आदतें आपका भविष्य बदल देगी ! 12 :- एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जानें के बाद दूसरा सपना देखने के हौसले को ज़िंदगी कहते है !!! 13 :- वो सपने सच नहीं होते जो सोते वक्त देखें जाते है, सपने वो सच होते है जिनके लिए आप सोना छोड़ देते है… 14 :- सफलता का चिराग परिश्रम से जलता है !!! 15 :- जिनके इरादे बुलंद हो वो सड़कों की नहीं आसमानो की बातें करते है… 16 :- सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं… 17 :- मैं तुरंत नहीं लेकिन निश्चित रूप से जीतूंगा… 18 :- सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगें लोग… 19 :- आशावादी हर आपत्तियों में भी अवसर देखता है और निराशावादी बहाने !!! 20 :- आप में शुरू करने की हिम्मत है तो, आप में सफल होने के लिए भी हिम्मत है… 21 :- सच्चाई वो दिया है जिसे अगर पहाड़ की चोटी पर भी रख दो तो बेशक रोशनी कम करे पर दिखाई बहुत दूर से भी देता है. 22 :- संघर्ष में आदमी अकेला होता है, सफलता में दुनिया उसके साथ होती है ! जिस जिस पर ये जग हँसा है उसी उसी ने इतिहास रचा है. 23 :- खोये हुये हम खुद है और ढूढ़ते ख़ुदा को है !!! 24 :- कामयाब लोग अपने फैसले से दुनिया बदल देते है और नाकामयाब लोग दुनिया के डर से अपने फैसले बदल लेते है… 25 :- भाग्य को और दूसरों को दोष क्यों देना जब सपने हमारे है तो कोशिशें भी हमारी होनी चाहियें !!! 26 :- यदि मनुष्य सीखना चाहे तो उसकी प्रत्येक भूल उसे कुछ न कुछ सिखा देती है !!! 27 :- झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते है तरक्की के बाज़ की उड़ान में कभी आवाज़ नहीं होती… 28 :- समस्या का सामना करें, भागे नहीं, तभी उसे सुलझा सकते हैं… 29 :- परिवर्तन से डरना और संघर्ष से कतराना मनुष्य की सबसे बड़ी कायरता है. 30 :- सुंदरता और सरलता की तलाश चाहे हम सारी दुनिया घूम के कर लें लेकिन अगर वो हमारे अंदर नहीं तो फिर सारी दुनिया में कहीं नहीं है. 31 :- ना किसी से ईर्ष्या ना किसी से कोई होड़, मेरी अपनी मंज़िलें मेरी अपनी दौड़… 32 :- ये सोच है हम इंसानों की कि एक अकेला क्या कर सकता है, पर देख ज़रा उस सूरज को वो अकेला ही तो चमकता है !!! 33 :- लगातार हो रही सफलताओं से निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि कभी कभी गुच्छे की आखिरी चाबी भी ताला खोल देती है… 34 :- जल्द मिलने वाली चीजें ज्यादा दिन तक नहीं चलती और जो चीजें ज्यादा दिन तक चलती है वो जल्दी नहीं मिलती है. 35 :- इंसान तब समझदार नहीं होता जब वो बड़ी बड़ी बातें करने लगे, बल्कि समझदार तब होता है जब वो छोटी छोटी बातें समझने लगे… 36 :- सेवा सभी की करना मगर आशा किसी से भी ना रखना क्योंकि सेवा का वास्तविक मूल्य नही दे सकते है, 37 :- मुश्किल वक्त का सबसे बड़ा सहारा है “उम्मीद” !! जो एक प्यारी सी मुस्कान दे कर कानों में धीरे से कहती है “सब अच्छा होगा” !! 38 :- दुनिया में कोई काम असंभव नहीं, बस हौसला और मेहनत की जरुरत है !!! 39 :- वक्त आपका है चाहे तो सोना बना लो और चाहे तो सोने में गुजार दो, दुनिया आपके उदाहरण से बदलेगी आपकी राय से नहीं… 40 :- बदलाव लाने के लिए स्वयं को बदले… 41 :- सफल व्यक्ति लोगों को सफल होते देखना चाहते है, जबकि असफल व्यक्ति लोगों को असफल होते देखना चाहते है… 42 :- घड़ी सुधारने वाले मिल जाते है लेकिन समय खुद सुधारना पड़ता है !!! 43 :- दुनिया में सब चीज मिल जाती है केवल अपनी ग़लती नहीं मिलती… 44 :- क्रोध और आंधी दोनों बराबर… शांत होने के बाद ही पता चलता है की कितना नुकसान हुवा… 45 :- चाँद पे निशान लगाओ, अगर आप चुके तो सितारों पे तो जररू लगेगा !!! 46 :- गरीबी और समृद्धि दोनों विचार का परिणाम है… 47 :- पसंदीदा कार्य हमेशा सफलता, शांति और आनंद ही देता है… 48 :- जब हौसला बना ही लिया ऊँची उड़ान का तो कद नापना बेकार है आसमान का… 49 :- अपनी कल्पना को जीवन का मार्गदर्शक बनाए अपने अतीत को नहीं… 50 :- समय न लागओ तय करने में आपको क्या करना है, वरना समय तय कर लेगा की आपका क्या करना है. 51 :- अगर तुम उस वक्त मुस्कुरा सकते हो जब तुम पूरी तरह टूट चुके हो तो यकीन कर लो कि दुनिया में तुम्हें कभी कोई तोड़ नहीं सकता !!! 52 :- कल्पना के बाद उस पर अमल ज़रुर करना चाहिए। सीढ़ियों को देखते रहना ही पर्याप्त नहीं है, उन पर चढ़ना भी ज़रुरी है। 53 :- हमें जीवन में भले ही हार का सामना करना पड़ जाये पर जीवन से कभी नहीं हारना चाहिए… 54 :- सीढ़ियां उन्हें मुबारक हो जिन्हें छत तक जाना है, मेरी मंज़िल तो आसमान है रास्ता मुझे खुद बनाना है !!! 55 :- हजारों मील के सफ़र की शुरुआत एक छोटे कदम से होती है…. 56 :- मनुष्य वही श्रेष्ठ माना जाएगा जो कठिनाई में अपनी राह निकालता है । 57 :- पुरुषार्थ से असंभव कार्य भी संभव हो जाता है… 58 :- प्रतिबद्ध मन को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है, पर अंत में उसे अपने परिश्रम का फल मिलेगा । 59 :- असंभव समझे जाने वाला कार्य संभव करके दिखाये, उसे ही प्रतिभा कहते हैं । 60 :- आने वाले कल को सुधारने के लिए बीते हुए कल से शिक्षा लीजिए… 61 :- जो हमेशा कहे मेरे पास समय नहीं है, असल में वह व्यस्त नहीं बल्कि अस्त-व्यस्त है । 62 :- कठिनाइयाँ मनुष्य के पुरुषार्थ को जगाने आती हैं… 63 :- क्रोध वह हवा है जो बुद्धि के दीप को बुझा देती है । 64 :- आपका भविष्य उससे बनता है जो आप आज करते हैं, उससे नहीं जो आप कल करेंगे… 65 :- बन सहारा बे सहारों के लिए बन किनारा बे किनारों के लिए, जो जिये अपने लिए तो क्या जिये जी सको तो जियो हजारों के लिए । 66 :- चाहे हजार बार नाकामयाबी हो, कड़ी मेहनत और सकारात्मक सोच के साथ लगे रहोगे तो अवश्य सफलता तुम्हारी है… 67 :- खुद की तरक्की में इतना समय लगा दो, कि किसी और की बुराई का वक्त ही ना मिले !!! 68 :- प्रगति बदलाव के बिना असंभव है, और जो अपनी सोच नहीं बदल सकते वो कुछ नहीं बदल सकते… 69 :- खुशी के लिए काम करोगे तो ख़ुशी नहीं मिलेगी, लेकिन खुश होकर काम करोगे, तो ख़ुशी और सफलता दोनों ही मिलेगी । 70 :- पराजय तब नहीं होती जब आप गिर जाते हैं, पराजय तब होती है जब आप उठने से इनकार कर देते हैं ।

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Wednesday, September 2, 2020

कर्नल हरलैंड सैंडर्स - Biography of Colonel Harland Sanders

"कर्नल" हरलैंड डेविड सैंडर्स (सितम्बर 9, 1890 – दिसम्बर 16, 1980) एक अमेरिकी उद्यमी थे। उन्होंने केंटकी फ्राइड चिकन के नाम से कंपनी शुरू की।

सैंडर्स का जन्म सितम्बर 9, 1890 को हेनरीविल्ले, इंडियाना में हुआ था। उन्होंने दक्षिणी विश्वविद्यालय में अध्ययन किया।

उन्होंने जोसफिन किंग से शादी किया फिर बाद में तल।क हो गया। उन्होंने बाद में क्लाउडिया प्राइस से शादी कर लिया। सैंडर्स के 3 बच्चे थे। दिसम्बर 16, 1980 को केंटकी में उनका देहांत हो गया। वह 90 वर्ष के थे।

Colonel Harland Sanders, KFC (Kentucky Fried Chicken) के founder का नाम बहुत कम ही लोग जानते होंगे। कर्नल सैंडर्स का अपना छोटा सा Business था जिससे इनकी रोजी-रोटी चलती थी, लेकिन वहां पर highway बनने के कारण इनका business बन्द हो गया। कुछ ही दिनों में इनकी पूँजी भी खत्म हो गयी और खाने के भी लाले पड़ गये। अब उनकी उम्र भी लगभग 65 वर्ष हो चुकी थी और हाल यह था की खोने के लिए अब उनके पास में कुछ भी नहीं बचा था।

Colonel Harland Sanders को chicken बनाना बहुत पसंद था और उनको अपने चिकन प्रयोग पर बहुत भरोसा था, वो मसाले और प्रेसर कुकर लेकर अपनी चिकन बनाने का प्रयोग की मार्केटिंग करने निकल पड़े। उन्होंने अलग-अलग रेस्टोरेंट से मिलना शुरू किया। समय ने फिर भी उनका साथ नहीं दिया, एक-एक करके सभी रेस्टोरेंट मालिक उन्हें रिजेक्ट करते गये।

लेकिन कर्नल सैंडर्स ने भी हार नहीं मानी, वह लगातार अपने कार्य में लगे रहे, सीखते रहे और कोशिश रहे। आपको यह सुनकर हैरानी होगी कि वह 1009 बार Interview में असफल रहे और एक हजार नौ (1009) लोगो ने उनको रिजेक्ट कर दिया, तब जाकर उनको सफलता मिल ही गई। हाँ अपने सही पढ़ा है, एक हजार नौ बार रिजेक्ट होने के बाद, एक हजार नौ बार ना सुनने के बाद उनको उनकी पहली हाँ मिली।

संघर्ष

kfc) की कामयाबी के पीछे colonel sanders का हाथ था. अपनी fried chicken recipe के कारण वे विश्व में प्रसिद्ध हुए.  sanders ने उम्र की बाधा को अपनी कामयाबी का रोड़ा बनने नहीं दिया और उन्हें कामयाबी मिली 65 साल की उम्र में. जब वह 5 साल के थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गई, इसके बाद अपने परिवार जिनमे उनके छोटे भाई और बहन शामिल थे को पालने की जिम्मेदारी उन पर आ गयी. इसके बाद उन्होंने कई कामो में अपना हाथ आजमाया. इनमे किसान, स्ट्रीटकार कंडक्टर, रेलरोड फायरमैन और इंशोरेंस सेल्समेन जैसी जॉब शामिल थी. इनमे वह सफल ना हो सके, 16 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपना स्कूल छोड़ दिया. केवल 17 वर्ष की उम्र में उन्हें अपनी चार जॉब्स खोनी पड़ी, 18 वर्ष की उम्र में वह विवाहित हुए और अगले ही साल उनकी एक बेटी हुई, जल्द ही उनकी पत्नी अपने बच्ची को लेकर उन्हें छोड़ कर चली गयी.

40 साल की उम्र में sanders kentucky में एक सर्विस स्टेशन चला रहे थे जहाँ वह कई भूखे यात्रियों को खाना भी खिलाते थे. उन्होंने इस सर्विस स्टेशन को restaurant में बदल दिया जहाँ वह अपनी चिकन व्यंजन को बेचते थे. उनके फ्राइड चिकन इतने उल्लेखनीय हुए की  वहा के गवर्नर ने उन्हें kentucky colonel यानि kentucky कर्नल का नाम दिया लेकिन 1950 की शुरुआत में senders के इस चलते बिजनेस को वहा पर बनने वाले हाईवे के कारण बहुत नुकसान उठाना पड़ा, सरकार द्वारा दिया हुआ चेक बहुत कम था. लेकिन sanders अभी भी बैठने को तैयार ना था. उसे अपनी चिकन रेसिपी पर पूरा भरोसा था और इसी विश्वास के साथ वह इसकी मार्केटिंग के लिए निकल पड़ा, इस दौरान वह अलग अलग restaurant के मालिक से मिला जहाँ उसे ठुकरा दिया गया. और 1000 से ज्यादा कोशिशो के बाद अंतत: 1952 में pete harman नामक व्यक्ति को उसने अपना पार्टनर बनाने के लिए मना लिया. उन्होंने अपनी फ्राइड चिकन की रेसिपी को पेटेंट करा के 1952 में साल्ट लेक सिटी में पहला restaurant खोला.

Kentucky में restaurant की शुरूआत

लगातार असफलताओं के बाद भी सैंडर्स ने प्रयास करना नहीं छोड़ा. 40 वर्ष की उम्र में वे कार्बिन, केन्टकी आ गए और एक service station खोल लिया. Service station से प्राप्त होने वाली आमदनी पर्याप्त नहीं थी. अतः आमदनी में बढ़ोत्तरी के उद्देश्य से उन्होंने service station के पीछे बने कमरे में एक टेबल और कुछ कुर्सियां डाल दी और वहाँ आने-जाने वाले ड्राइवरों और यात्रियों को पेन-फ्राइड चिकन, हेम, स्टीक व अन्य खाद्य पदार्थ बनाकर खिलाने लगे.

लोगों को उनके बनाये खाने का स्वाद इतना पसंद आया कि वे उनका बनाया खाना खाने के लिए वहाँ आने लगे. लोगों की बढ़ती हुई संख्या देखकर उन्होंने सड़क के दूसरी ओर एक मोटल और रेस्तरां खोल लिया, जिसमें लगभग 142 लोग एक साथ बैठकर खाना खा सकते थे. लोगों को उनका बनाये खाने में Pan Fried Chicken विशेषरूप से पसंद था. अतः वे अपनी इस recipe पर लगातार कार्य करते रहे, ताकि यह unique बन जाये. आख़िरकार 9 वर्षों की मेहनत के उपरांत उन्होंने 11 herbs और spices से युक्त अपनी Pan Fried Chicken की recipe पूर्ण कर ली.  यह recipe उनके रेस्तरां की USP बन गई. सैंडर्स अपने Pan Fried Chicken के कारण मशहूर हो गए. उनका बनाया चिकन केन्टकी के गवर्नर को इतना पसंद आया कि उन्होंने 1935 में हरलेन सैंडर्स को ‘कर्नल’ की उपाधि से विभूषित कर किया.

उनका रेस्तरां अच्छा चल रहा था. उनके रेस्तरां के चलने का एक बड़ा कारण यह था कि वह फ्लोरिडा जाने के मार्ग में अवस्थित था, जिससे उस मार्ग पर गुजरने वाले यात्रियों की नज़र उनके रेस्तरां पर पड़ती और वे उसका रुख कर लेते. लेकिन 1950 के दशक में एक अप्रत्याशित मुसीबत उनके समक्ष आ गई.

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